भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आए।
सुनीता और बुच बोइंग और NASA के संयुक्त ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर 5 जून 2024 को गए थे। उनका लक्ष्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की क्षमता का परीक्षण करना था।
स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के थ्रस्टर्स और हीलियम लीक की समस्या के कारण मिशन लंबा हो गया। NASA ने फैसला किया कि स्पेसक्राफ्ट सुरक्षित नहीं है
सुनीता ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 9 महीने बिताए। इस दौरान उन्होंने 150 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, स्पेसवॉक की, और ISS के रखरखाव में योगदान दिया।
सुनीता ने अंतरिक्ष में कुल 62 घंटे 6 मिनट की स्पेसवॉक की, जो किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री का सबसे लंबा रिकॉर्ड है। उन्होंने ISS की मरम्मत और उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सुनीता और उनके साथियों ने माइक्रोग्रैविटी, जलवायु परिवर्तन और मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव जैसे विषयों पर शोध किए। इन प्रयोगों ने पृथ्वी पर जीवन को बेहतर बनाने में मदद की।
19 मार्च 2025 को सुनीता और उनके साथी SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल से फ्लोरिडा के तट पर सुरक्षित लैंड हुए। उनकी वापसी में 17 घंटे का समय लगा।
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धरती पर वापसी 19 मार्च 2025 को सुनीता और उनके साथी SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल से फ्लोरिडा के तट पर सुरक्षित लैंड हुए। उनकी वापसी में 17 घंटे का समय लगा।
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स